रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। • रोली, कपूर, चंदन तथा गोरोचन समान मात्रा में मिलाकर गंगाजल में घोंटकर तिलक लगाने से देखने वाले व्यक्ति वशीभूत होते हैं। कई बार देखा जाता है कि अचानक खुले में शौच आदि के लिए जाने वाला व्यक्ति के आते ही तबीयत https://milovanl161ysl9.boyblogguide.com/profile